Monday, July 19, 2010
आचरण
आज में एक लोकल समाचार पत्र पढ़ रहा था की डेनमार्क को दुनिया का सबसे खुशहाल देश घोषित किया है। कारन जान कर अचरज हुवा की इस देश के लोगों में पैसे के पीछे भागने की प्रवर्ती नहीं है। जितना मिलता है उससे संतोष है। इनका कहना है की सुख पैसे से ख़रीदा जा सकता है परन्तु खुसी नहीं खरीदी जा सकती । ५५लाख की जनसँख्या का देस ४४हजार किलोमीटर का एरिया जिसके नागरिक कमाईपर ७२% कर देते हों कारों पर १८०%कर देते हों रेजिस्त्रशन का ,ओर २५%वैट टैक्स देते हों फिर भी खुशहालजिन्दगी जीते हों हमें इनका अनुसरण करना चाहिए
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