Sunday, September 26, 2010

system जुगाड़ और चलताहे

इस देश में अवय्व्सथा के प्रति उदासीन नजरिया इसकी प्रगति में सबसे बड़ा रोड़ा है। जन सामान्य में अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता का अभावऔर कस्ट झेलने की प्रवर्ती ने इस सुन्दर देश को दुनिया का सिरमौर नहीं बनने दिया। कारन हर कमी को चलता है के मुहावरे ने नजरंदाज कर दिया। हर काम को नियमानुसार करने की बजाय जुगाड़ से करवाने में ज्यादा दिलचस्पी लेना भी इसकी तर्रकीमें बाधक बनी हुई है । इस प्रवर्ती से निजात पाना होगा । जितना पैसा केंद्र सरकार पिछले पाँचसालों से infrastructure andrural devlupmentपर खर्च कर रही है यदि यह पूरा पैसा सही हाथों के द्वारा खर्च होता तो देश का नक्शाकुछ अलग ही होता पर गलत हाथों में पैसा जाता रहा लोग देखते रहे औरसब ये कह कर की सब चलता है taxpaiyer का पैसा बर्बाद होता रहा और हो रहा है । बिना काम किये जुगाड़ लगा कर बिल पास करवालेते हैं कोई पूछने वाला नहीं । किसी ने सही ही कहा है इस देश का भगवन ही मालिक है।

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