गरीबी किसी भी देश के लिए अभिशाप है यह सर्वमान्य है परन्तु यह भी सत्य है की इसके उन्मूलन के लिए बहोत सी नौकरियों का सर्जनभी होता है चाहे वो सर्कार से हो या प्राइवेट छेत्र की बड़ी- बड़ी मिशनरी या चेरिटी वाले ट्रस्ट और NGO चलाने वाले हों । यदि गरीबी हट गई तो बहुत से लोग बेरोजगार हो जायेंगे और ये तमाम ट्रस्ट ,NGO बंद हो जायेंगे अतएव कोई मिशनरी ,या संस्था ये नहीं चाहेगी की ये सब बंद हों इसीलिए ये कभी नहीं चाहेंगे कीगरीबी ख़त्म हो । भारत में गरीबी का मूल कारन है जनसँख्या की बढ़ोतरी जिसे लोग ईश्वर की देन मानते हैं। यूरोप के देश इसे शहीद महाद्वीप मानते हैं
गरीबी पूंजी और श्रम से उत्पादित उत्पाद के विक्रय से हासिल मुनाफे के असामान्य वितरण से प्राप्त अतिरिक्त लाभ की पैदाइश है। जिससे ये पूंजीपति कभी समझोता नहीं करेंगे।
Monday, August 29, 2011
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